पत्थरों से छनकर काली बनेगी कंचन, नालों के काली नदी मिलने की जगह पर बिछाए जाएंगे पत्थर

पत्थरों से छनकर काली कंचन बनने की राह पर है। योजना पर काम शुरू कर दिया गया है। योजना मुजफ्फरनगर से बुलंदशहर के बीच पांच कृत्रिम नमभूमि बनाने की है। हापुड़ में सिंभावली शुगर मिल के नदी में गिरते नाले के पास इस पर काम भी शुरू कर दिया गया है। सबसे अधिक तीन कृत्रिम नमभूमि का निर्माण मुजफ्फरनगर में करने का निर्णय लिया गया है ताकि उद्गम स्थल के पास से ही स्वच्छ पानी का बहाव हो। दरअसरल, काली नदी की गंदगी के कलंक को धोने के लिए राष्ट्रीय हरित अभिकरण यानी एनजीटी ने एक टीम गठित की है। इस टीम में दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रोफेसर बाबू, उनके दो सहायक, केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और सिचाई विभाग के अधिकारी शामिल हैं। इस टीम को काली नदी को साफ करने का फूल प्रूफ प्लान बनाने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। गत दो दिन से यह टीम अपने काम में जुटी हुई है। सोमवार को गुलावठी और बुलंदशहर में काली में गिरने वाले नालों की स्थिति का निरीक्षण करने के बाद टीम मंगलवार को हापुड़ और मेरठ पहुंची। यहां पर नालों से काली में गिरती गंदगी की स्थिति को देखने के बाद तय किया गया कि कृत्रिम नमभूमि बनाकर काली के पानी को साफ किया जाएगा।