राजधानी लखनऊ के बाजारखाला में ऐशबाग पानी की टंकी के पास स्थित प्लाइवुड फैक्टरी में बुधवार दोपहर आग लगने से हाहाकार मच गया। अग्निकांड के वक्त फैक्टरी में काम कर रहे 20 से 25 मजदूरों में चीख-पुकार व भगदड़ मच गई। आसपास के इलाके के लोग घर छोड़कर भाग खड़े हुए। सूचना पाकर कई फायर स्टेशन से दमकल दस्ते ने मौके पर पहुंचकर राहत कार्य शुरू किया। लपटों से तीन मजदूर झुलस गए हैं। मुख्य अग्निशमन अधिकारी का कहना है कि जेनरेटर रूम में शॉर्ट-सर्किट से हादसे की आशंका जताई जा रही है। आग से करीब 50 लाख रुपये के नुकसान की बात सामने आई है।
मुख्य अग्निशमन अधिकारी ने बताया कि प्लाइवुड फैक्टरी मोतीनगर निवासी धर्मवीर गुलाटी की है। फैक्टरी में 20 से 25 महिला-पुरुष मजदूरी करते हैं। बुधवार को फैक्टरी में बिजली नहीं आ रही थी, जिसके चलते जेनरेटर से काम किया जा रहा था। दोपहर करीब डेढ़ बजे लपटों ने फैक्टरी को घेरे में ले लिया। लपटें देखकर चीखते हुए मजदूर बाहर की तरफ भागने लगे। चंद सेकंड में ही लपटों ने विकराल रूप ले लिया।
फैक्टरी के भीतरी हिस्से में काम कर रहे कुछ मजदूर आग में फंस गए। धुआं फैलने से आसपास के इलाके में दहशत फैल गई। लोग घरों से बाहर निकलकर चीख-पुकार मचाने लगे। किसी ने अग्निशमन विभाग को सूचना दी। चौक, हजरतगंज, आलमबाग समेत पांच फायर स्टेशन से नौ दमकल और कई थानों की पुलिस टीम ने मौके पर पहुंचकर राहत कार्य शुरू किया। इस बीच फैक्टरी के पिछले हिस्से में मजदूरों के फंसे होने की जानकारी से पुलिस अधिकारियों के होश उड़ गए।
अपर पुलिस उपायुक्त पश्चिम विकास चंद्र त्रिपाठी ने बताया कि फैक्टरी के पीछे ऐशबाग जलकल विभाग का तालाब है। पुलिस ने जलकल विभाग के कर्मचारियों की मदद से फैक्टरी के पीछे की दीवार तोड़कर भीतर फंसे उन्नाव के मौरावां निवासी 30 वर्षीय मजदूर सोनू व मिथिलेश और सीतापुर के बिसवां में रहने वाले वीरेंद्र की जान बचाई। तीनों काफी झुलस गए थे। उन्हें सिविल अस्पताल में भर्ती कराया गया है। फैक्टरी के कर्मचारियों व आसपास के लोगों ने अग्निकांड में लगभग 50 लाख रुपये कीमत का माल व मशीनें स्वाहा होने की जानकारी दी है। मुख्य अग्निमशन अधिकारी का कहना है कि शुरुआती छानबीन में जेनरेटर रूम में हुए शार्ट सर्किट से आग लगने की आशंका जताते हुए जांच की जा रही है।